तुझ में शक्तियाँ छुपी अपार, स्वयं को पहचान और आगे बढ़, ना कर गुमान कुछ छूट जाने की, बस बढ़ती चल, ... तुझ में शक्तियाँ छुपी अपार, स्वयं को पहचान और आगे बढ़, ना कर गुमान कुछ छूट जान...
कच्ची अमिया अमरुद जी भर खाते, कुछ बैठते तो कुछ लंबी दौड़ लगाते। कच्ची अमिया अमरुद जी भर खाते, कुछ बैठते तो कुछ लंबी दौड़ लगाते।
सपनों का संसार है घर मेरा, घर की जन्नत ममतामयी भी। सपनों का संसार है घर मेरा, घर की जन्नत ममतामयी भी।
नौकरी है नौकरी नौकरी बिन कुछ और नहीं। नौकरी है नौकरी नौकरी बिन कुछ और नहीं।
अंत में खुद लुप्त जाता हैं और बिखर जाता है उनका अपना ही घर संसार। अंत में खुद लुप्त जाता हैं और बिखर जाता है उनका अपना ही घर संसार।
ये सब तो है सीखा मां से उनकी मैं परछाईं हूं क्या फिर भी मैं पराई हूं। ये सब तो है सीखा मां से उनकी मैं परछाईं हूं क्या फिर भी मैं पराई हूं।